परीब हॊ की पूर्णिमा
इजॊरिया इजॊरिए हॊइत छैक
पांति दू हॊ की दस
कविता कविते हॊइत छैक
जखन
हम कहैत छी कविता
तऽ ओकर मतलब
हमर-तॊहर किछु नहि हॊइत छैक
बस हॊइत छैक एके टा मतलब
बस कविता
ओहि काल मऽन मे जे अबैत छैक
से अपन पूर्ण वैभव के संग
कविता हॊइत छैक
जेना एखन मऽन में
अबैत अछि
किछु पांति
'कहियॊ रहल हेतै
गुरु शिष्य परंपरा
छौ ताग तीन प्रवर
मुदा आब तऽ...'
हार्दिक अभिनंदन
अपनेक एहि सिंगरहार मे हार्दिक अभिनंदन अछि
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Friday, March 20, 2009
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