हार्दिक अभिनंदन

अपनेक एहि सिंगरहार मे हार्दिक अभिनंदन अछि

Search This Blog

Friday, October 17, 2008

बहुत दिनक बाद

आइ प्रातः
इजॊतक यात्रा संऽ पूर्व
हमर पदचाप सुनि
कनेके काल पहिने
सूतल
हमर मॊहल्लाक खरंजा
अपन गाढ़ निन्न संऽ
जागि उठलै
बहुत दिनक बाद
हमर आंखि मे
अरुणिमा
पहिने उलहन दैत

बाद मे
मुसकिआएत

बहुत दिनक बाद
मऽन पड़ल एकटा पांति
'अलस पंकज दृग
अरुणमुख
तरुण अनुरागी
प्रिय यामिनी जागी'
विवेकानंद झा
१२ अक्टूबर ९४
लालबाग, दरभंगा