हार्दिक अभिनंदन

अपनेक एहि सिंगरहार मे हार्दिक अभिनंदन अछि

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Sunday, November 30, 2008

अहांक मौलायल अस्तित्व

अपन
मज्जागत संस्कारक
मनहूस छांह मे
मौलायल
अहांक अस्तित्व
देखलहुं
अहिंक देहरी पर
आइ
बुझलहुं अहांकें
कमल
फुसिए बुझने रही
ओहि दिन
अहांमे
कमलक पांखुरि सन
शाश्वत प्रतीक
हॊएबाक दम
नहि अछि

०७ दिसंबर ९४

1 comment:

Gajendra said...

bah aab te aai sabh ta kavita ahank padhay parat