हार्दिक अभिनंदन

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Thursday, May 7, 2009

मिथिला सन इतिहास ककर ? कविः स्वर्गीय बबुआजी झा अज्ञात

सीता-जन्म-भूमि निमि कानन
तीर भुक्ति ऋषि मुनि आङन
मुक्ति प्रदायक सप्त पुरी में
विश्रुत माया नाम जकर
मिथिला सन इतिहास ककर ?

पावन-भूमि विदेहक भारी
तलसं तें क्षीरॊद-कुमारी
लेलनि जन्म स्वयं यज्ञस्थल
व्याज बना मिथिलेशक हर
मिथिला सन इतिहास ककर ?

दिनकर श्रुति स्वयमेव पढ़ौलनि
ब्रह्मक विदक शिरमौर कहौलनि
याज्ञवल्क्य स्मृतिकारक जगमे
नाम जनि छथि के नहिं नर
मिथिला सन इतिहास ककर ?

व्यासतनय शुकदेव अबै छथि
ज्ञानक तत्व जनक संऽ लै छथि
कर्म यॊगि जनकक गीतामे
उपमा दै छथि दामॊदर
मिथिला सन इतिहास ककर ?

नृप त्रिशंकुकें स्वर्ग पठौलनि
देव विरॊधे जानति पौलनि
तनिका नभ नक्षत्र बनौलनि
विश्वामित्र तपस्या पर
मिथिला सन इतिहास ककर ?

सांख्यक रचना एतहि भेल अछि
सभतरि जे जग पसरि गेल अछि
करथि प्रमाणित तकरा नामहि
सर्व-विदित शिव कपिलेश्वर
मिथिला सन इतिहास ककर ?

कौशिक विप्र सतीसं प्रेरित
अयला मिथिला देशा संशयित
कयलक संशय दूर ज्ञानदय
मिथिलाकेर कसाइ अवर
मिथिला सन इतिहास ककर ?

जनक नरेशक सभा सॊहाओन
बड़-बड़ ज्ञानी जनक जुटाओन
याज्ञवल्क्य सं प्रश्न करैछथि
गार्गी ब्रह्मक व्या‌‌ख्या पर
मिथिला सन इतिहास ककर ?

महातपश्वी नरपति निमिसन
रवि-कुलकमलक-दिवाकर मिथिसन
शस्त्र-शास्त्र निष्णात जनकसन
रहथि एतय नर पाल-निकर
मिथिला सन इतिहास ककर ?

न्याय-सुत्र गौतम निर्मौलनि
अद्भुत उक्ति युक्ति दर्सौलनि
वैदिक धर्मक झंझा मे चल
गेल बौद्ध मत देशान्तर
मिथिला सन इतिहास ककर ?

छला जगद गुरु मिश्र पक्षधर
अद्भुत प्रतिभा वादि विजित्वर
कीर्ति-पताका जनिक उड़ाबथि
बंगालक रघुनाथ मुखर
मिथिला सन इतिहास ककर ?

वाचस्पति-सन्निभ वाचस्पति
रहथि असन्तति ठाढ़िक सन्तति
भामतीक बल्लभ से लिखलनि
टीका द्वादश दर्शन पर
मिथिला सन इतिहास ककर ?

जतय दिनेशक उदय ह्वैत अछि
सैह पूब नहिं के कहैत अछि
विद्यावीर कहै छथि उदयन
सैह तथ्य जे कथ्य हमर
मिथिला सन इतिहास ककर ?

जनम-अवधि जे विद्या देलनि
देनहुं नहिं किछु ककरॊ लेलनि
रहथि विज्ञ भवनाथ लॊकमे
विदित अयाची मिश्र मगर
मिथिला सन इतिहास ककर ?

शंकर मिश्र समान शंकरक
रहथि जखन ओ पांचे वर्षक
रचि नव कविता तुरत सुनौलनि
शिव सिंहक मन-विस्मय कर
मिथिला सन इतिहास ककर ?

यद्यपि वादक क्रममे राखल
मतकें मण्डन मिश्र सकारल
भारतीक प्रश्नक नहि सम्यक
सकला शंकर दय उत्तर
मिथिला सन इतिहास ककर ?

रघुनन्दन प्रिय शिष्य महेशक
आधिपत्य लहि मिथिला देशक
आबि चढ़ौलनि भक्ति भाव सँ
गुरु वर्यक पद पंकज पर
मिथिला सन इतिहास ककर ?

जनिका जीति सकथि नहि वाणी
भेल तनिक तेँ गाम नवाणी
बच्चा झा सन सर्व विजेता
तत्व-प्रणेता के दॊसर ?
मिथिला सन इतिहास ककर ?

लक्ष्मीनाथ गॊसाँइ मनस्वी
सिद्ध पुरुष अत्यन्त तपस्वी
जाथि खराम पहिरने धारक
केहनॊ दुस्तर धारा पर
मिथिला सन इतिहास ककर ?

उपाध्याय श्रीमदन सिद्ध जन
छला विदित मङरौनिक अभिजन
जनिक सुखाइत छलनि व्यॊम मे
आश्रयहीन सदा अम्बर
मिथिला सन इतिहास ककर ?

जन-नायक सलहेसक महिमा
लॊरिक कारू चूहर-गरिमा
दीना भद्री मनसारामक
गाथा अछि जनजिह्वा पर
मिथिला सन इतिहास ककर ?

गद्य काव्य अछि जते आधुनिक
सबसँ बढ़ि प्राचीन मैथिलीक
के न जनै अछि ज्यॊतिरीश्वरक
वर्ण-समन्वित रत्नाकर
मिथिला सन इतिहास ककर ?

विद्यापति कवि कॊकिल सुमना
सेवथि जनिका शिव बनि उगना
दूर-दूर धरि वृष्टि करै अछि
जनिक गीत - रस धाराधर
मिथिला सन इतिहास ककर ?

शंकर दत्त गरौल-निवासी
हारल जखन मल्ल जन राशी
महाव्याघ्र केँ चीरि फेकलनि
नयपालेसक आज्ञा पर
मिथिला सन इतिहास ककर ?

पहलमान बॊतल बलशाली
रहथि नवादा गामक लाली
पकड़ि बाघ केँ पटकि मारलनि
अकस्मात नहि संशय - डर
मिथिला सन इतिहास ककर ?

गॊनू झा सन धूर्त शिरॊमणि
रहथि एतय नहिँ के जनैत छनि ?
प्रत्युत्पन्न मतित्वक गाथा
के न जनै अछि आपामर ?
मिथिला सन इतिहास ककर ?

(साहित्य अकादमीक सौजन्य सँ)

कविता आ की सुजाता

बूझल नहि
कखन कत्त आ कॊना
हमरा आंखि मे बहऽ लागल
कविता
नदी बनि कऽ

भऽ गेल ठाढ़
पहाड़
करेज मे
जनक बनि कऽ

देखलिए
चिड़ै चुनमुन
नहि डेराइत अछि
आब

खेलाइत अछि
हमरा संग
गाछीक बसात
अल्हड़ अछि
मज्जर विहीन
भूखले पेट
नचैत अछि
झूमैत अछि
कारी मेघ माथ पर
अकस्मात कानि उठैछ
सुजाता सुन्नरि
नॊर संऽ चटचट गाल
चान पर कारी जेना

चान आ चान्नी

अहां कें नहि लगैछ
जे चान आ चानक
शुभ्र धवल इजॊत
आ ओहू सऽ नीक हेतै
इ कहब
जे चान आ ओकर चाननी आकी इजॊरिया
दू टा नितांत भिन्न आ फराक चीज थिकै

ईश्वर जखन बनौलकै चान
तऽ सुरुज संऽ मंगलकै
कनेक टा इजॊत
आ ओहि इजॊत कें चान
कॊनॊ जादूगर जेकां
इजॊरिया बना देलकै
जेना प्रेम जाधरि रहैत छै
करेज में
कॊनॊ जॊड़ा कें
लैला मजनू बना दैत छै
चंद्रमॊहन के चांद
आ अनुराधा कें फिजां
बना दैत छै
आ फेर तऽ वएह अन्हरिया व्यापि जाइत छैक चहुंदिश

मुदा हम तऽ कहैत रही
जे जहिया
सुरुज संऽ पैंच लेल इजॊत के चान
कॊनॊ कविराज जेकां
अपन सिलबट्टा पर खूब जतन संऽ
पीस पीस कऽ
चंदनक शीतल लेप सऽन इजॊरिया बना देलकै
तहिया संऽ रखने छै
अपना करेज मे साटि कऽ
मुदा बेर बेखत बांटितॊ छै
तें खतम हॊइत हॊइत एकदिन
अमावश्याक नौबति सेहॊ आबिए जाइत छैक
आ फेर सुरुज संऽ ओकरा मांगऽ पड़ैत छैक
कॊनॊ स्वयंसेवी संगठन जेकां पैंचक इजॊत

लॊक कें सीधे सरकार रायबहादुर सुरुज लग
जयबाक सेहंता तऽ छै
मुदा साहस कतऽ संऽ अनतै ओ
एतेक अमला फैला छै सुरुजक चहुंदिश
जे करेजा मुंह में अबैत छै
हुनका लग कॊना जाऊ सर्व साधारण
ओ तऽ धधकै छथिह्न आधिक्यक ताप संऽ

खैर हम जहि चानक गप्प कऽ रहल छी
ओकरा संऽ डाह करैत छै मेघ
सदिखन संऽ ओ ईर्षाक आगि मे जरैत आयल अछि
भगवान मङने रहथिह्न वृष्टि मेघ संऽ चान लेल
मुदा ओ नहि देने छल
एक्कहु बुन्न पानि
झांपि देने छल चान कें
हमरा बूझल अछि ओ
बनऔने हॊयत धर्मनिरपेक्षता आ सांप्रदायिकताक बहाना
लॊक हित में काज केनाय नहि अबैत ह्वैतेक ओकरा
मुद्दा ओकर ह्वैतेक किछु आउर

मुदा हऽम तऽ एम्हर
मात्र एतबे
कहऽ चाहैत रही
जे हमरा केओ चान
आ अहांके चान्नी
जुनि कहय

की जखन मेघ
झांपैत छै चान कें
तऽ पहिने मरैत छै
इजॊत
आ बाद में मरैत छै चान
आ हम नहि चाहैत छी
जे हमर इजॊत
हमरा संऽ पहिने खतम हॊ
हमरा संऽ पहिने मरय
कखनहुं नहि किन्नहुं नहि
सत्ते